शेयर मार्केट में स्टॉप लॉस क्या होता है?
शेयर मार्केट में निवेश करना एक जोखिम भरा काम हो सकता है, अगर आप इसे बिना समझे या सीखें अपना पैसा निवेश करते है तो यह एक जोखिम भरा काम हो सकता है, लेकिन सही रणनीति और उपकरणों का उपयोग करके आप अपने नुकसान को सीमित कर सकते हैं।
स्टॉप लॉस (Stop Loss) एक ऐसा महत्वपूर्ण टूल है, जो निवेशकों को अधिक नुकसान से बचाने में मदद करता है। बिना स्टॉप लॉस के ट्रेड लेना बहुत ही जोखिम भरा हो सकता है, यदि आप शेयर मार्केट में नए हैं और स्टॉप लॉस के बारे में जानना चाहते हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए है।
यहां हम विस्तार से बताएंगे कि स्टॉप लॉस क्या होता है ( What is Stop Loss in Share Market ), यह कैसे काम करता है और इसे लगाने के फायदे क्या हैं।
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स्टॉप लॉस क्या होता है?
स्टॉप लॉस एक ऐसा आदेश (Order) है, जो निवेशक द्वारा ब्रोकर को दिया जाता है ताकि किसी शेयर की कीमत एक निश्चित स्तर से नीचे गिरने पर उसे अपने आप बेच दिया जाए। इसका मुख्य उद्देश्य नुकसान को सीमित करना होता है।
आसान भाषा में स्टॉप लॉस आर्डर वह होता है ,जब हम कोई स्टॉक buy करते हैं तो अगर वह स्टॉक नीचे कि और गिरने लगता है तो हमको नुकसान हो सकता है उसी नुकसान से बचने के लिए हम एक स्टॉप लॉस आर्डर का इस्तेमाल करते है जिसकी सहायता से हम भारी नुकसान से बच सकते है।
उदाहरण के लिए:
- आपने किसी शेयर को ₹500 की कीमत पर खरीदा है।
- आप अधिकतम ₹20 का नुकसान सहन करने के लिए तैयार हैं।
- ऐसे में आप स्टॉप लॉस को ₹480 पर सेट कर सकते हैं।
- यदि शेयर की कीमत ₹480 तक गिर जाती है, तो वह अपने आप बेच दिया जाएगा और आपका नुकसान ₹20 तक सीमित रहेगा।
स्टॉप लॉस के प्रकार
स्टॉप लॉस के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं:
1. फिक्स्ड स्टॉप लॉस (Fixed Stop Loss)
फिक्स्ड स्टॉप लॉस वह होता है जिसमें निवेशक एक निश्चित मूल्य तय करता है, जिस पर शेयर अपने आप बेच दिया जाएगा। यह एक सरल रणनीति होती है, जो मुख्य रूप से शुरुआत करने वाले निवेशकों के लिए उपयोगी होती है।
उदाहरण:
- आपने एक शेयर ₹100 के भाव पर खरीदा है।
- आपने स्टॉप लॉस ₹95 पर सेट किया है।
- यदि शेयर की कीमत ₹95 तक गिरती है, तो शेयर अपने आप बिक जाएगा।
2. ट्रेलिंग स्टॉप लॉस (Trailing Stop Loss)
ट्रेलिंग स्टॉप लॉस एक डायनामिक टूल होता है, जो मार्केट की दिशा के अनुसार अपने आप एडजस्ट होता है। इसमें स्टॉप लॉस का मूल्य शेयर की बढ़ती कीमत के साथ बढ़ता है, जिससे आप अपने लाभ को सुरक्षित रख सकते हैं।
उदाहरण:
- आपने ₹100 के भाव पर शेयर खरीदा है।
- आपने 5% का ट्रेलिंग स्टॉप लॉस लगाया है।
- यदि शेयर की कीमत ₹120 तक बढ़ती है, तो स्टॉप लॉस ₹114 (120 – 5%) पर सेट हो जाएगा।
- यदि शेयर की कीमत ₹114 तक गिरती है, तो वह अपने आप बिक जाएगा।
3. मैनुअल स्टॉप लॉस (Manual Stop Loss)
मैनुअल स्टॉप लॉस वह होता है, जहां निवेशक अपनी स्थिति के अनुसार खुद ही स्टॉप लॉस को एडजस्ट करता है। इसमें निवेशक को मार्केट पर नजर रखनी होती है और अपने अनुभव और मार्केट की स्थिति के अनुसार निर्णय लेना होता है।
उदाहरण:
- आपने ₹100 के भाव पर शेयर खरीदा है।
- आप मार्केट के अनुसार स्टॉप लॉस को ₹95 या ₹105 पर मैनुअली एडजस्ट कर सकते हैं।
शेयर में स्टॉप लॉस कैसे लगाया जाता है?
स्टॉप लॉस लगाना बहुत आसान है। इसे आप ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर निम्नलिखित चरणों के माध्यम से सेट कर सकते हैं:
- अपने ट्रेडिंग अकाउंट में लॉगिन करें।
- जिस स्टॉक में आप ट्रेड करना चाहते हैं, उसे सेलेक्ट करें।
- Stop Loss विकल्प पर क्लिक करें।
- स्टॉप लॉस मूल्य (Price) सेट करें।
- ऑर्डर को कन्फर्म करें।
स्टॉप लॉस लगाने के फायदे
1. नुकसान को सीमित करता है
स्टॉप लॉस लगाने से आपको अनावश्यक नुकसान से बचाव मिलता है। इससे आप अपनी पूंजी को सुरक्षित रख सकते हैं।
2. भावनाओं पर नियंत्रण
मार्केट की अस्थिरता के कारण कई निवेशक घबराहट में गलत फैसले ले लेते हैं। स्टॉप लॉस लगाने से आप भावनात्मक ट्रेडिंग से बच सकते हैं।
3. लाभ को सुरक्षित करता है
ट्रेलिंग स्टॉप लॉस का उपयोग करके आप लाभ को भी सुरक्षित रख सकते हैं। यदि शेयर की कीमत बढ़ रही है, तो स्टॉप लॉस का स्तर भी बढ़ता है।
4. व्यावसायिक अनुशासन बनाए रखता है
स्टॉप लॉस लगाने से आप एक निश्चित रणनीति के तहत ट्रेड करते हैं, जिससे आपके ट्रेडिंग पैटर्न में अनुशासन आता है।
5. ऑटोमैटिक ट्रेडिंग
स्टॉप लॉस सेट करने के बाद आपको हर समय मार्केट पर नजर रखने की जरूरत नहीं होती। यह स्वचालित रूप से आपके नुकसान को नियंत्रित करता है।
स्टॉप लॉस लगाने में होने वाली गलतियाँ
1. बहुत टाइट स्टॉप लॉस सेट करना
बहुत कम अंतर पर स्टॉप लॉस लगाने से आपका ऑर्डर जल्दी पूरा हो सकता है और आप संभावित लाभ से वंचित रह सकते हैं।
2. स्टॉप लॉस को नजरअंदाज करना
कई निवेशक स्टॉप लॉस सेट करने से बचते हैं, जिससे बड़े नुकसान का सामना करना पड़ता है।
3. स्टॉप लॉस को बार-बार बदलना
स्टॉप लॉस को बार-बार बदलने से नुकसान बढ़ सकता है। एक बार सेट करने के बाद मार्केट के अनुसार इसे अपने आप एडजस्ट करने दें।
स्टॉप लॉस लगाने के लिए टिप्स
- हमेशा अपने रिस्क-टू-रिवॉर्ड अनुपात (Risk-to-Reward Ratio) को ध्यान में रखते हुए स्टॉप लॉस सेट करें।
- किसी भी ट्रेड में अधिकतम 2% से 3% पूंजी का जोखिम उठाएं।
- मार्केट के उतार-चढ़ाव को समझकर स्टॉप लॉस सेट करें।
- लॉन्ग टर्म निवेश के लिए ट्रेलिंग स्टॉप लॉस का उपयोग करें।
- बड़े वॉल्यूम वाले शेयरों में स्टॉप लॉस लगाते समय विशेष ध्यान दें।
निष्कर्ष
स्टॉप लॉस एक उपयोगी टूल है, जो आपको शेयर मार्केट में अधिक नुकसान से बचाने में मदद करता है। फिक्स्ड, ट्रेलिंग और मैनुअल स्टॉप लॉस का सही तरीके से उपयोग करके आप अपने नुकसान को नियंत्रित कर सकते हैं और मुनाफे को सुरक्षित रख सकते हैं। यदि आप एक अनुशासित रणनीति के तहत स्टॉप लॉस लगाते हैं, तो शेयर मार्केट में सफलता की संभावना बढ़ जाती है।
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Happy Trading!